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भारत देश के अत्यंत लोकप्रिय नृत्यों में राजस्थान के पारंपरिक घूमर नृत्य का अपना अहम स्थान है, नारीत्व की प्रधानता तथा विचारों को प्रकट करता यह लोकगीत एक विशिष्ट शैली में प्रस्तुत किया जाता है।
Best collection of very popular modern and traditional Hindi rhymes for the toddlers and young children’s.
भारत देश के अत्यंत लोकप्रिय नृत्यों में राजस्थान के पारंपरिक घूमर नृत्य का अपना अहम स्थान है, नारीत्व की प्रधानता तथा विचारों को प्रकट करता यह लोकगीत एक विशिष्ट शैली में प्रस्तुत किया जाता है।
राजपूताना संस्कृति, बलिदान व प्रेम को परिभाषित करता अति प्रशंसनीय लोक गीत केसरिया बालम निश्चित ही रेगिस्तानी थार के गौरवशाली इतिहास को भली-भांति प्रदर्शित करता है।
हिंदी फिल्म ‘हम हिंदुस्तानी’ का गीत ‘छोड़ो कल की बातें’ भारतवर्ष के लोगों को भूतकाल की नकारात्मकता को पीछे छोड़कर एक नए जोश व उमंग के साथ भविष्य की ओर अग्रसर होने को प्रेरित करता है।
हिंदी फिल्म ‘फ़ना’ का गीत ‘चंदा चमके चम चम’ छोटे बच्चों को खेल खेल में हंसाने तथा कुछ जटिल पंक्तियों के उच्चारण (टंग ट्विस्टर) को सीखने व दोहराने का मौका देता है।
हिंदी फिल्म ‘राज़ी’ का देशभक्ति गीत ‘ए वतन वतन मेरे’ देश के प्रति प्रेम व त्याग की भावना को प्रस्तुत करने का एक उत्कृष्ट माध्यम है।
एक बंदर पर केंद्रित मजेदार व रोचक किस्सों की जुगलबंदी को प्रस्तुत करता हुआ बालगीत ‘एक बंदर ने खोली दुकान’ छोटे बच्चों को जंगल के जानवरों व उनके खान-पान से अवगत कराता है।
सन 1985 में प्रदर्शित फिल्म ‘संजोग’ में प्रस्तुत ‘यशोदा का नंदलाला’ लोरी गीत हिंदी फिल्मों में प्रयुक्त भक्ति व शिशु प्रेम के उन गिने-चुने गीतों में से एक है जिन्हें सुनकर मन आनंदित हो उठता है।
अपने बचपन में वापस लौट जाने की चाहत पर केंद्रित बालगीत ‘हम भी अगर बच्चे होते’ किशोरों से लेकर बड़ी उम्र के सभी लोगों को लुभाता है।
फिल्म ‘घराना’ का बालगीत ‘दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ’ नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा अपनी रूठी हुई दादी अम्मा को मनाने पर आधारित एक बहुत ही लोकप्रिय व मज़ेदार गीत है।
फिल्म ‘दो कलियाँ’ (1968) का गीत ‘बच्चे मन के सच्चे’ बच्चों के भोले व् सरल स्वाभाव को बताता है।
हिंदी फिल्म ‘फर्ज़’ (1967) का गीत ‘बार बार दिन ये आये’ छोटे बच्चों के जन्मदिन पर गाया जाने वाला सर्वाधिक लोकप्रिय गीत है जिसमें छोटे बच्चे को जन्मदिन की बधाई देने के साथ साथ उसकी लंबी उम्र की कामना की गई है।
बालगीत ‘पोषम पा भाई पोषम पा’ शायद सभी छोटे बच्चों ने बचपन में खेल-खेल में सुना व गाया होगा तथा इसकी सरल व मजेदार पंक्तियों का लुत्फ़ भी ज़रूर उठाया होगा।
लोकप्रिय बालगीत ‘लल्ला लल्ला लोरी’ में दर्शाया गया है कि कैसे एक छोटा बच्चा दूध पीते समय आनाकानी करते हुए माँ को अपनी नटखट लीलाए दिखाता है।
बालगीत ‘बारिश आयी छम छम छम’ में बच्चों की कोमल भावनाओ को दर्शाते हुए यह बताया गया है कि किस प्रकार बच्चे बारिश के आने पर किसी की नहीं सुनते और बड़े ही आनंद का अनुभव करते हैं।
बालगीत ‘बंदर मामा पहन पजामा’ में एक बंदर के नटखट एवं चंचल स्वभाव को दर्शाने के लिए एक काल्पनिक कहानी का सहारा लेते हुए बताया गया है।
फिल्म ‘शहीद’ का गीत ‘ऐ वतन ऐ वतन’ एक सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति गीत है जो दिलों में राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत कर सभी को जोश से भर देता है।
फिल्म मासूम का प्रसिद्ध बालगीत ‘लकड़ी की काठी’ एक घोड़े पर केंद्रित मजेदार पंक्तियों से सजा सभी बच्चों के मन को लुभाता है।
सन 1962 में प्रदर्शित फिल्म ‘सन ऑफ़ इंडिया’ का बाल गीत ‘नन्हा मुन्ना राही हूँ’ छोटे बच्चों को देशभक्ति की भावना से प्रेरित व प्रोत्साहित करने का अच्छा स्रोत है।
बालगीत ‘अक्कड़, बक्कड़, बम्बे बो’ छोटे बच्चों द्वारा अपने खेलों में इस्तेमाल किए जाने वाला एक बहुत ही सरल गीत है जिसका प्रयोग ज्यादातर बच्चे किसी भी खेल में सहभागियों के साथ अपनी बारी के क्रम को निर्धारित करने के लिए करते हैं।
बालगीत ‘कुकड़ू कु भई कुकड़ू कु’ छोटे बच्चों को मुर्गे की बांग के महत्व को बताता है और उन्हें सुबह सवेरे उठने को प्रेरित करता है।