

Pyasa Kauwa | प्यासा कौवा
बालगीत ‘प्यासा कौवा’ में जंगल के दृश्य को दर्शाया गया है कि जब सूरज अपनी प्रचंड गर्मी बरसा रहा होता है और पशु-पक्षी गर्मी से बेहद परेशान होकर यहाँ वहाँ घुम रहे होते है। ऐसे में एक प्यासे कौवे को बहुत ढूँढने पर एक पानी का घड़ा मिलता है पर उसमें भी पानी कुछ कम था। यह देखकर उस बुद्धिमान कौवे को एक विचार आता है की क्यों न घड़े में कुछ कंकड़-पत्थर डाले जाये जिससे पानी ऊपर आ जाये और वह अपनी प्यास बुझा ले। इस प्रकार कुछ देर तक परिश्रम करने के बाद जब घड़े का पानी ऊपर आ जाता है तब वह बुद्धिमान कौवा उसे पीकर अपनी प्यास बुझा लेता है।
इस गीत में कौवे की समझदारी को दिखाते हुए यह दर्शाया गया है की हमें अपने जीवन की किसी भी परिस्थिति में परिश्रम से कभी नहीं डरना चाहिए, बुद्धिमानी के साथ मेहनत व लगन से किया हुआ कोई भी कार्य व्यर्थ नहीं जाता इसलिए हमें हमेशा मेहनत करनी चाहिए।
‘प्यासा कौवा’ बालगीत के बोल
एक कौवा प्यासा था,
घड़े में पानी थोडा था ।
कौवे ने डाला कंकड़,
पानी आया ऊपर ।
कौवे ने पीया पानी,
ख़त्म हुई कहानी ।
‘Pyasa Kauwa’ Lyrics in English
Ek kauwa pyasa tha
Ghade me pani thoda tha
Kauwe ne dala kankar
Pani aaya upar
Kauwe ne piya pani
Khatam hui kahani.
‘Pyasa Kauwa’ English Translation
There was a crow thirsty
There was some water in the pitcher
Crows put pebbles
Water came up
Crows drank water
Finished story