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Nature Rhymes in Hindi | प्रकृति

Suraj
Suraj | सूरज

Suraj : बालगीत ‘सूरज’ में बच्चों को सूरज के महत्व को समझाया गया है की किस प्रकार सूरज अपने नियत समय पर आकर अपनी किरणों को फैलाकर संसार का अंधकार मिटा सभी ओर उजाला फैलाता है और फिर शाम को अपनी किरणों को धीरे-धीरे समेट कर छिप जाता है। शाम के समय जब सूरज अपनी किरणों को समेटता है तो जाते –जाते भी अपने आस –पास लाल रंग की लालिमा को चारों ओर बिखेरता हुआ जाता है जो एक बहुत ही मनमोहक दृश्य होता है जिसे देख कर लोग बहुत शांति व ख़ुशी महसूस करते हैं।

Chanda Mama Aao Na
Chanda Mama Aao Na | चंदा मामा आओ ना

Chanda Mama Aao Na : बालगीत ‘चंदा मामा आओ ना’ एक छोटी लोरी है जो कि बच्चों के साथ रात में सोते समय गाई जा सकती है। बच्चे चाँद पर मोहित हो जाते हैं तथा वे प्यार से उसे चंदा मामा कहते हैं। इस लोरी के बोलो में छोटे बच्चे चंदामामा को अपने पास बुलाकर मीठी लोरी सुनाने और साथ में ही सो जाने का निमंत्रण दे रहे हैं जो की उनके बालपन की एक सहज सोच को पर्दर्शित करता है।

Baadal Raja
Baadal Raja | बादल राजा

Baadal Raja : बालगीत ‘बादल राजा’ बच्चों को बादलों के बारे में बताने और आगे जानने के लिए उत्सुक करने का एक सार्थक प्रयास है।गर्मी के मौसम में जब हर तरफ सब झुलस रहे होते है तब आसमान में वर्षा के बादलों के दिखने से हर कोई राहत की सांस लेता है। बालगीत ‘बादल राजा’ तेज गर्मी की उसी विभीषिका से सबको बचाने के लिए बादलों से एक पुकार को प्रदर्शित करता है।

Pani Barsa Cham Cham Cham
Pani Barsa Cham Cham Cham | पानी बरसा छम छम छम

Pani Barsa Cham Cham Cham : सभी जीवों को प्रकृति के अनुपम उपहार बारिश अथवा वर्षा का इंतजार रहता है लेकिन इस मौसम का सबसे ज्यादा लुत्फ़ छोटे बच्चे उठाते हैं, बालगीत ‘पानी बरसा छम छम छम’ बारिश के साथ बच्चों की इन्हीं अठखेलियां को बयां करता है। बारिश के मौसम में छोटे-छोटे बच्चे घरों से बाहर निकलकर यहां वहां खेलते तथा शरारते करते सभी के मन को लुभाते हैं, जगह-जगह भरे हुए पानी में उनकी उछल कूद के साथ-साथ अनेक तरह के खेल जैसे कागज की नाव बनाकर उसे पानी में चलाना आदि सभी को आनंदित करते हैं।

Chanda Mama Kitne Pyare
Chanda Mama Kitne Pyare | चंदा मामा कितने प्यारे

Chanda Mama Kitne Pyare : बालगीत ‘चंदा मामा कितने प्यारे’ में चाँद व सितारों के साथ को दर्शाने गया है, रात के सुन्दर नज़ारे में जब आसमान काली चादर ओढ़े अपने दामन में ढेरो सितारे को समेट रहा होता है तभी मनमोहक चंद्रमा भी अपनी चांदनी की शीतलता को चारों ओर बिखेर रहे होते है।अंतिम पंक्तियों को हास्य का मोड़ देते हुए कहा गया है कि चंदा मामा आप हमें अपने घर की कुछ बातें भी बताओ जिससे हमें भी आपके बारे में कुछ ओर भी जानने को मिले।

Savera
Savera | सवेरा

Savera : बालगीत ‘सवेरा’ में प्रातकाल के मनमोहक दृश्य को दर्शाया गया है कि किस तरह सुबह- सुबह की ठंडक से भरी ताज़ी हवा के साथ – साथ चिड़िया के चहचहाने की मीठी आवाज़ सुनाई देने लगती है जो सवेरे के दृश्य को बहुत ही मनमोहक बना देती है। इस गीत में बताया गया है कि सवेरे के समय किस प्रकार प्रकृति अपनी सुन्दर कृपा बरसा रही होती है और अपनी ठंडी हवा से मौसम को और अधिक सुहाना बना रही होती है जिससे लोग आकर्षित होकर उसके साथ समय बिताने को प्रेरित हो जाते हैं।

Garmi Aayi
Garmi Aayi | गर्मी आई

Garmi Aayi : बालगीत ‘गर्मी आई’ छोटे बच्चों को गर्मी के मौसम में पंखे की उपयोगिता के बारे में बताता है। सभी घरों में पंखे अवश्य होते हैं, पंखा हम सभी को गर्मी से राहत प्रदान करता है।पंखे का उपयोग करने से घर में मच्छर भी कम आते है, कुछ पंखे ऐसे भी होते है जो घर की अशुद्ध हवा को बाहर निकालने का काम करते है जिससे घर का वातावरण साफ़ रहता है।

Barish Aayi Cham Cham Cham
Barish Aayi Cham Cham Cham | बारिश आयी छम छम छम

Barish Aayi Cham Cham Cham : बालगीत ‘बारिश आयी छम छम छम’ में बच्चों की कोमल भावनाओ को दर्शाते हुए यह बताया गया है कि किस प्रकार बच्चे बारिश के आने पर किसी की नहीं सुनते और बारिश में खेलते हुए कभी छाता लेकर गिर जाते हैं तो कभी साइकिल चलते हुए फिसल जाते हैं पर जब तक थक कर चूर नहीं हो जाते हार नहीं मानते। भले ही माताएं बच्चों को बारिश में नहाने की आज्ञा ना दे पर नटखट बच्चे आसानी से कहाँ मानने वाले होते हैं, वो तो बस अपने मन की धुन में प्राकृतिक बारिश का आनंद लेने को बेसब्र रहते हैं।

Chanda Mama Door Ke
Chanda Mama Door Ke | चंदा मामा दूर के

Chanda Mama Door Ke : 1955 मे प्रदर्शित फिल्म ‘वचन’ का लोरी बालगीत ‘चंदा मामा दूर के’ छोटे बच्चों को रात में सुलाने के लिए प्रयुक्त होने वाले सबसे प्रसिद्ध गीतों में से एक है। गीतकार व संगीतकार रवि और राजेन्द्र कुमार द्वारा रचित यह गीत निश्चित ही एक अनुपम रचना है जिसे नन्हे मुन्ने बच्चे बड़े ही चाव से सुनना पसंद करते हैं, सुप्रसिद्ध गायिका आशा भोसले की आवाज से सजा यह गीत माओं का पसंदीदा गीत है।

Hawa Dheere Aana
Hawa Dheere Aana | हवा धीरे आना

Hawa Dheere Aana : फिल्म सुजाता में सजी यह लोरी ‘हवा धीरे आना’ छोटे बच्चों को रात्रि के समय सुलाने के लिए गुनगुनाए जाने वाले प्रसिद्ध गीतों में से एक है। इसमें एक माँ अपनी छोटी बच्ची को एक शांत व अच्छी नींद देने के लिए हवा से धीरे-धीरे चलने की प्रार्थना कर रही है जिससे उसकी बच्ची एक अच्छी निद्रा प्राप्त कर सके। अंतिम पंक्तियों में कहा गया है कि किस प्रकार प्रकृति के आनुसार चंदा मामा सुबह जा कर कहीं छुप जाते है और अपने साथ अपने ढेरो सितारों को भी ले जाते है जिनको देखने के लिए बच्चों को फिर से रात का इंतजार करना पड़ता है।

Chanda Mama
Chanda Mama | चंदा मामा

Chanda Mama : बालगीत चंदा मामा में चांद की विशेषता को दर्शाते हुए बच्चों को समझाने की कोशिश की गई है की किस तरह चाँद पहले आधा होता है और फिर दिन पर दिन अपने आकर को बढ़ाते हुए पूर्णिमा के दिन अपने पूर्ण आकर में आकर सबका दिल मोह लेता है। अंतिम पंक्तियों में कहा गया है कि किस प्रकार प्रकृति के आनुसार चंदा मामा सुबह जा कर कहीं छुप जाते है और अपने साथ अपने ढेरो सितारों को भी ले जाते है जिनको देखने के लिए बच्चों को फिर से रात का इंतजार करना पड़ता है।

'प्रकृति के बालगीत' पर आधारित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर : प्रकृति के बालगीत बच्चों को खेल-खेल में ही प्रकृति की अनेको जानकारियों से अवगत कराते हैं। मनुष्य का प्रकृति से बहुत ही गहरा सम्बन्ध है, इस अनोखे सम्बन्ध को बच्चों को समझाने के लिए ही प्रकृति के बालगीत बनाये जाते हैं। बच्चे इन बालगीतों को आसानी से अपने आस-पास के वातावरण से जोड़ लेते हैं और प्रकृति को समझने में सक्षम हो जाते हैं।

उत्तर : प्रकृति के बालगीत बच्चों को मौसन, वातावरण, पेड़-पौधों, दिन-रात, सुबह, चाँद, सूरज, तारे, नदी, आदि प्राकृतिक संसाधनों की जानकारी प्रदान करते हैं, बच्चों को इन सभी प्राक्रतिक संसाधनों को समझाने के लिए प्राकृतिक बालगीत बहुत ही उत्तम साधन है। इनके द्वारा बच्चे बहुत ही आसानी से इस ज्ञान को अर्जित करते हैं और फिर बड़े ही प्यार से इन बालगीतों को दोहराते हुए इनको कब याद कर लेते हैं पता ही नहीं चलता।

उत्तर : प्रकृति के बालगीत बच्चों को बहुत ही प्रिय लगते हैं क्योंकि बच्चे प्राकृतिक संसाधनों को देख कर आश्चर्य का अनुभव करते है और अपनी जिज्ञासा से उत्पन्न प्रश्नों को अपने माता-पिता के आगे रखते हैं जिनके जवाब माता-पिता उन्हें जब बालगीतों की सहायता से बताते हैं तो बच्चें उन्हें बड़ी ही आसानी से समझ जाते हैं और ये बालगीत उन्हें हमेशा के लिए बहुत प्रिय हो जाते हैं।

उत्तर : प्रकृति के बालगीतों का शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही महत्व हैं क्योकि छोटे बच्चो को प्राकृतिक जानकारी देते समय इन बालगीतों का इस्तेमाल किया जाता है, इन बालगीतों की सहायता से ही बच्चों को प्रकृति के संसाधनों का परिचय बड़ी ही आसानी से बच्चों से कराया जाता है जैसे:- चंदा, सूरज, पहाड़, नदी, पेड़-पौधे, पक्षी, मौसम, हवा, पानी, मिट्टी आदि जिनको बालगीतों की सहायता से समझने में बच्चे बहुत ही कम समय लगता हैं और बच्चें आसानी से इन बालगीतों को याद भी कर लेते हैं।

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