
Educational Rhymes in Hindi | शिक्षाप्रद

Aao Bachcho Tumhe Dikhaye | आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं
Aao Bachcho Tumhe Dikhaye : देश की आज़ादी के 7 साल बाद सन 1954 में प्रस्तुत डायरेक्टर सत्यन बोस की फ़िल्म 'जागृति' का गीत 'आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की' बच्चों को अपने राष्ट्र की अनुपम बलिदान गाथा से अवगत कराता है। इस गीत में बड़े ही उत्कृष्ट तरीके से देश के हर कोने से जुड़ी देशभक्ति की घटनाओ और उनसे जुड़े देशभक्तों के बलिदानों को बच्चो के प्रति पेश किया गया है।

Akhbar | अख़बार
Akhbar : बालगीत ‘अख़बार’ बच्चों को समाचार-पत्र से अवगत कराता है और उससे मिलने वाले लाभों और जानकारियों के बारे में जानने को प्रोत्साहित करता है।बालगीत ‘अख़बार’ बच्चों को प्रेरित करता है कि यदि हम प्रतिदिन नियमित रुप से अख़बार पढ़ने की आदत बनाते है तो यह हमारे लिए काफी लाभदायक हो सकता है। यह बच्चों में पढ़ने की आदत को विकसित करता है, उनके प्रभाव में सुधार करता है और उन्हें बाहर के बारे में सभी जानकारी उपलब्ध कराता है।

The National Song of India (राष्ट्रगीत)
The National Song of India : राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की रचना बंगाल के महान साहित्यकार श्री बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा सन् 1876 में की गई थी, लेकिन इसका सर्वप्रथम समावेश उन्होंने अपने सुप्रसिद्ध उपन्यास 'आनंदमठ' में सन् 1880 में किया था। 'आनंदमठ' उपन्यास के माध्यम से प्रचलित हुए इस गीत का स्थान अपने देश को मातृभूमि मानने की भावना को प्रज्वलित करने वाले गीतों में सबसे पहला है।

Char Naukar | चार नौकर
Char Naukar : बालगीत ‘चार नौकर’ गीत में हमारे शरीर के महत्व को दर्शाने की कोशिश करते हुए हमारे शरीर के दो बहुत ही प्रमुख अंगो के बारे में समझाया गया है। इस गीत में बताया गया है की किस तरह हमारे हाथ व पैर हमारे सभी दैनिक कार्यो को करने मे हमारी मदद करते है और कभी भी उसके बदले हमसे अपनी कोई इच्छा प्रगट नहीं करते हैं। इस बालगीत की सुंदर पंक्तियों में हमारे हाथ और पैरो की विशेषता बताई गई हैं कि किस तरह वह हमेशा हमारे कामों को करने के लिए तैयार रहते हैं व हमें आत्मनिर्भर बनाते हैं।

The National Anthem of India (राष्ट्रगान)
The National Anthem of India : राष्ट्रगान “जन-गण-मन” मूल रूप से बँगला साहित्य के शिरोमणि कवि गुरुदेव रवींद्र नाथ ठाकुर (रवीन्द्रनाथ टगोर) द्वारा रचित पांच छंदों की कविता “Bharat Bhagyo Bidhata”, या “Dispenser of India’s destiny”, के पहले छंद से लिया गया है।

Railgadi | रेलगाड़ी
Railgadi : ‘रेलगाड़ी’ एक प्रसिद्ध हिंदी बालगीत है जो छोटे बच्चों को रेलगाड़ी (ट्रेन) के बारे में जानकारी देता है। हम सब में शायद ही ऐसा कोई होगा जिसने रेल यात्रा न की हो, छुक-छुक करती रेलगाड़ी बच्चे, बड़े, और बूढ़े सभी को खूब लुभाती है। ‘रेलगाड़ी’ बालगीत के माध्यम से बच्चे एक-दूसरे के साथ जुड़कर शोर मचाते हुए खेल-खेल में ही रेलगाड़ी की सरचना एवं उसके चलने के तरीके को सीख लेते है। उन्हें पता चलता है कि कैसे इंजन आगे से सब डिब्बों को खींचता है और सब लोगों को बिठाकर रेलगाड़ी बड़ी शान से आवाज करती पटरी पर आगे बढ़ती है।

Gandhi Rashtra Pita | गाँधी राष्ट्र पिता
Gandhi Rashtra Pita : ‘गाँधी जी’ एक ऐसा नाम जिसे शायद ही कोई बच्चा होगा जो न जनता हो, भारत के इतिहास से एक ऐसा नाम जिसके बारे में लोग बीते हुए कल से लेकर वर्तमान तक ना सिर्फ बातें करते थे बल्कि उनके आदर्शों का अनुसरण भी करते हैं।गाँधी जी ने अंग्रेजो के खिलाफ अपने अहिंसा के आन्दोलन को पूरे देश में फैला दिया, सभी भारतवासियों को एकजुट करके अंग्रेजो के खिलाफ एक ऐसी शक्ति के रूप में खड़े हो गए जिसके आगे आखिरकार अंग्रेजो को झुकना पड़ा और फिर वह दिन भी आ गया जब अंग्रेजो को भारतवासियों के आगे झुकना पड़ा और हमारा देश अंग्रेजो के चंगुल से आज़ाद हो गया।

Garmi Aayi | गर्मी आई
Garmi Aayi : बालगीत ‘गर्मी आई’ छोटे बच्चों को गर्मी के मौसम में पंखे की उपयोगिता के बारे में बताता है। सभी घरों में पंखे अवश्य होते हैं, पंखा हम सभी को गर्मी से राहत प्रदान करता है।पंखे का उपयोग करने से घर में मच्छर भी कम आते है, कुछ पंखे ऐसे भी होते है जो घर की अशुद्ध हवा को बाहर निकालने का काम करते है जिससे घर का वातावरण साफ़ रहता है।

Ek-Ek | एक-एक
Ek-Ek : बालगीत ‘एक-एक’ में मेहनत व लगन के महत्व को दर्शाते हुए बच्चों को यह समझाने की कोशिश की गई है कि अगर हम कोई भी काम लगन और संयम से करे तो वह पूरा अवश्य होता है। इस बालगीत में यह बताया गया है की हमें हमेशा अपनी मेहनत और लगन पर भरोसा होना चाहिए तथा जिस प्रकार धीरे-धीरे एक बीज पहले छोटे से पौधे में परिवर्तित होता है और फिर एक घने वृक्ष में परिवर्तित हो जाता है।

Mummy Ki Roti Gol Gol | मम्मी की रोटी गोल गोल
Mummy Ki Roti Gol Gol : ‘मम्मी की रोटी गोल गोल’ बालगीत में पर्युक्त सभी वस्तुओं के संज्ञान से छोटे बच्चों को गोल आकर्तियों का आभास आसानी से हो जाता है।इस गीत का प्रयोग ज्यादातर स्कूलों में छोटे बच्चों को एक-साथ मिलकर गाने और गोल आकर्तियों के बारे में सिखाने के लिए किया जाता है जो इस गीत के सरल बोलो से बड़ी ही आसानी से हो जाता है।

De Di Hame Azadi | दे दी हमें आज़ादी
De Di Hame Azadi : महात्मा गांधी जी एक युग पुरुष थे जिनके प्रति पूरा विश्व आज भी आदर सम्मान की भावना रखता है। गांधीजी ने अंग्रेजों से देशवासियो के संघर्ष को प्रकट करने के लिए सत्याग्रह को अपना प्रमुख अस्त्र बनाया, वे अपनी सादगी भरी जिंदगी और उच्च विचारो के कारण अनेक लोगों के प्रेरणास्त्रोत बने। डायरेक्टर सत्यन बोस की फ़िल्म 'जागृति' का गीत ‘दे दी हमें आज़ादी' बच्चों को अपने राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की भारत को आजाद करने के लिए निभाई गयी महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराता है।

Machhali Rani | मछली रानी
Machhali Rani : ‘मछली रानी’ एक बहुत प्रसिद्ध हिंदी बालगीत है जिसे छोटे बच्चे गाना बहुत पसंद करते हैं। इसके बोल इतने सरल हैं कि बच्चे आसानी से इस गीत को याद कर सकते हैं और अपने मित्रों को भी सिखा सकते हैं। वे अपने हाथों को एक दूसरे पर रखकर उनसे मछली जैसी आकर्ति बनाकर आपस में खेल सकते हैं, साथ ही साथ वे गीत मैं प्रस्तुत की गईं बाकी संवेंद्नाओ को भी अपने इशारों द्वारा दर्शा सकते हैं।

Meri Pyari Gaiya | मेरी प्यारी गैया
Meri Pyari Gaiya : बालगीत ‘मेरी प्यारी गैया’ बच्चों में गाय के प्रति लगाव को बताने के साथ – साथ उसकी उपयोगिता व समाज में उसके लोकप्रिय स्थान से भी अवगत कराता है। भारतीय परिवारों में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है तथा प्यार व सम्मान से उसे ‘गाय माता’ के नाम से पुकारने के साथ – साथ बड़े ही चाव से घरों में पाला जाता है, कुछ परिवारों में तो गाय की पूजा भी की जाती है इसलिए बच्चों का भी गाय के प्रति लगाव और भी बढ़ जाता है।गाय के छोटे चंचल बच्चे बच्चों को बहुत अच्छे लगते हैं, उनके साथ खेलना बच्चों को बहुत पसंद होता है।

Lal Tamatar | लाल टमाटर
Lal Tamatar : बालगीत ‘लाल टमाटर’ बच्चो को टमाटर खाने के लिए प्रोत्साहित करने का एक सराहनीय पर्यास है, इस गीत में बच्चों को बड़े ही सरल ढंग से समझाया गया है की टमाटर किस तरह अनेको प्रकार से हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।बच्चे बहुत नटखट होते है इसलिए बच्चो को समझाने के लिए टमाटर के लाल रंग को दर्शाते हुए कहा गया है की टमाटर खाने से बच्चो के गाल लाल हो जाते है जो बहुत ही मनमोहक लगते है यही नहीं टमाटर के और भी गुण बताये गए है जैसे की टमाटर हमारे शरीर में खून की वृधि भी करता है।

Pyasa Kauwa | प्यासा कौवा
Pyasa Kauwa : बालगीत ‘प्यासा कौवा’ में जंगल के दृश्य को दर्शाया गया है कि जब सूरज अपनी प्रचंड गर्मी बरसा रहा होता है और पशु-पक्षी गर्मी से बेहद परेशान होकर यहाँ वहाँ घुम रहे होते है। ऐसे में एक प्यासे कौवे को बहुत ढूँढने पर एक पानी का घड़ा मिलता है पर उसमें भी पानी कुछ कम था। यह देखकर उस बुद्धिमान कौवे को एक विचार आता है की क्यों न घड़े में कुछ कंकड़-पत्थर डाले जाये जिससे पानी ऊपर आ जाये और वह अपनी प्यास बुझा ले। इस प्रकार कुछ देर तक परिश्रम करने के बाद जब घड़े का पानी ऊपर आ जाता है तब वह बुद्धिमान कौवा उसे पीकर अपनी प्यास बुझा लेता है।

Sadak | सड़क
Sadak : बालगीत ‘सड़क’ में बच्चो को बड़े ही प्यार से यह समझाने की कोशिश की गई है कि बच्चों को सड़क पर नहीं खेलना चाहिए क्योंकि सड़क पर गाड़ियाँ चलती है जो बहुत ही खतरनाक होती है, बच्चों को सड़क पर बहुत ही सावधानी से चलना चाहिए। गीत में सड़क के नियमो को भी समझाने की कोशिश की गई है बताया गया है की हमें बीच सड़क में कभी नहीं चलना चाहिए और सड़क से हट कर जो पटरी बनी होती है वह पैदल चलने वालो के लिए बनी होती है हमें उसका इस्तेमाल करना चाहिए।

Suraj | सूरज
Suraj : बालगीत ‘सूरज’ में बच्चों को सूरज के महत्व को समझाया गया है की किस प्रकार सूरज अपने नियत समय पर आकर अपनी किरणों को फैलाकर संसार का अंधकार मिटा सभी ओर उजाला फैलाता है और फिर शाम को अपनी किरणों को धीरे-धीरे समेट कर छिप जाता है। शाम के समय जब सूरज अपनी किरणों को समेटता है तो जाते –जाते भी अपने आस –पास लाल रंग की लालिमा को चारों ओर बिखेरता हुआ जाता है जो एक बहुत ही मनमोहक दृश्य होता है जिसे देख कर लोग बहुत शांति व ख़ुशी महसूस करते हैं।

Chanda Mama | चंदा मामा
Chanda Mama : बालगीत चंदा मामा में चांद की विशेषता को दर्शाते हुए बच्चों को समझाने की कोशिश की गई है की किस तरह चाँद पहले आधा होता है और फिर दिन पर दिन अपने आकर को बढ़ाते हुए पूर्णिमा के दिन अपने पूर्ण आकर में आकर सबका दिल मोह लेता है। अंतिम पंक्तियों में कहा गया है कि किस प्रकार प्रकृति के आनुसार चंदा मामा सुबह जा कर कहीं छुप जाते है और अपने साथ अपने ढेरो सितारों को भी ले जाते है जिनको देखने के लिए बच्चों को फिर से रात का इंतजार करना पड़ता है।

Savera | सवेरा
Savera : बालगीत ‘सवेरा’ में प्रातकाल के मनमोहक दृश्य को दर्शाया गया है कि किस तरह सुबह- सुबह की ठंडक से भरी ताज़ी हवा के साथ – साथ चिड़िया के चहचहाने की मीठी आवाज़ सुनाई देने लगती है जो सवेरे के दृश्य को बहुत ही मनमोहक बना देती है। इस गीत में बताया गया है कि सवेरे के समय किस प्रकार प्रकृति अपनी सुन्दर कृपा बरसा रही होती है और अपनी ठंडी हवा से मौसम को और अधिक सुहाना बना रही होती है जिससे लोग आकर्षित होकर उसके साथ समय बिताने को प्रेरित हो जाते हैं।