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De Di Hame Azadi

De Di Hame Azadi | दे दी हमें आज़ादी

महात्मा गांधी जी एक युग पुरुष थे जिनके प्रति पूरा विश्व आज भी आदर सम्मान की भावना रखता है। गांधीजी ने अंग्रेजों से देशवासियो के संघर्ष को प्रकट करने के लिए सत्याग्रह को अपना प्रमुख अस्त्र बनाया, वे अपनी सादगी भरी जिंदगी और उच्च विचारो के कारण अनेक लोगों के प्रेरणास्त्रोत बने।

देश की आज़ादी के 7 साल बाद सन 1954 में प्रस्तुत डायरेक्टर सत्यन बोस की फ़िल्म ‘जागृति’ का गीत ‘दे दी हमें आज़ादी बच्चों को अपने राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की भारत को आजाद करने के लिए निभाई गयी महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराता है।

गाँधी जी के जीवन से बच्चों को यह प्रेरणा मिलती हे की हमे हमेशा सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलना चाहिए। गांधीजी ने प्रेम और सदभाव की भावना से भारतवर्ष की जनता के हृदय पर राज किया जिससे लोग उन्हें प्यार से बापू कहकर भी बुलाते थे।

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‘दे दी हमें आज़ादी’ गीत के बोल

दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई
दागी न कहीं तोप ना बन्दूक चलाई
दुश्मन के किले पर भी ना की तूने चढ़ाई
वाह रे फ़कीर खूब करामात दिखाई
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

शतरंज बिछाकर यहाँ बैठा था ज़माना
लगता था के मुश्किल है फिरंगी को हराना
टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था ताना
पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना
मारा वो कस के दाँव के उलटी सभी की चाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े
मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े
हिंदू और मुसलमान सिख पठान चल पड़े
कदमों पे तेरे कोटि कोटि प्राण चल पड़े
फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहर लाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी
लाखों में घूमता था लिए सत्य की सोटी
वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी
लेकिन तुझपे झुकती थी हिमालय की चोटी
दुनिया में तू बेजोड़ था इन्सान बेमिसाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

तूने वतन की राह पे सब कुछ लूटा दिया
माँगा ना कोई तख्त ना कोई ताज भी लिया
अमृत दिया सभी को मगर खुद ज़हर पिया
जिस दिन तेरी चिता जली रोया था महाकाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

‘De Di Hame Azadi’ English Lyrics

De di hame azadi bina khadag bina dhal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
Andhi main bhi jalati rahi gandhi teri mashal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
De di hame azadi bina khadak bina dhal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
Raghupati raaghav raja ram

Dharati pe ladi tune ajab dhang ki ladai
Dagi na kahi top na banduk chalai
Dushman ke kile par bhi na ki tune chadai
Waah re fakir khub karamat deikhai
Chutki main dushmano ko diya desh se nikal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
De di hame azadi bina khadak bina dhal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
Raghupati raaghav raja ram

Shataranj bitha kar yaha baitha thaa zamanaa
Lagata tha mushkil hai firangi ko haranaa
Takar thi bade zor ki dushman bhi tha tanaa
Par tu bhi tha bapuu  bada ustad puranaa
Mara wo kas ke dav ke ulati sabhi ki chal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
De di hame azadi bina khadak bina dhal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
Raghupati raaghav raja ram

Jab jab tera bigul baja jawan chal pade
Mazadur chal  pade the aur kisan chal pade
Hindu aur musalaman, sikh pathan chal pade
Kadmo me teri koti koti pran chal pade
Phulo ki sej chodke daude javaharalal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
De di hame azadi bina khadag bina dhal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
Raghupati raaghav raja ram

Man main thi ahinsa ki lagan tan pe langoti
Lakho main ghumta tha liye satya kii soti
Waise to dekhane main thi hasti teri choti
Lekin tujhe jhukatii thii himaalay kii bhii choTii
Duniya main tu bejod tha insaan bemisal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
De di hame azadi bina khadag bina dhal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
Raghupati raaghav raja ram

Jag main koi jiya hai to bapu tu hi jiyaa
Tune watan ki rah main sab kuch luta diyaa
Manga na koi takht na koi taaj bhi liyaa
Amrut diyaa sabhi ko magar khud zahar piyaa
Jis din teri chita jalii, roya tha mahakal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
De di hame azadi bina khadag bina dhal
Sabaramati ke sant tune kar diya kamal
Raghupati raaghav raja ram

‘De Di Hame Azadi’ English Translation

Gave us freedom without shield, without shield
Saint of Sabarmati, you did amazing
Gandhi’s torch continues to burn in the storm
Saint of Sabarmati, you did amazing
Gave us freedom without shield, without shield
Saint of Sabarmati, you did amazing
Raghupati Raghav Raja Ram

You fought on earth, strange fight
Cannon not tainted, nor fired
Even on the enemy’s fort, neither did you climb
Wow you did a good job
Gave enemies out of the country in a pinch
Saint of Sabarmati, you did amazing
Gave us freedom without shield, without shield
Saint of Sabarmati, you did amazing
Raghupati Raghav Raja Ram

The world was sitting here by laying chess
It was difficult to beat British
The collision was very loud enemy was also taunt
But you were also great Bapu old master
Your bet has turned everyone’s way
Saint of Sabarmati, you did amazing
Gave us freedom without shield, without shield
Saint of Sabarmati, you did amazing
Raghupati Raghav Raja Ram

All the young men walked on your voice
The workers walked and the farmers walked
Hindus and Muslims, Sikhs and Pathans walked
Countless souls walked in your footsteps
Leaving a bed of flowers, Jawahar Lal ran
Saint of Sabarmati, you did amazing
Gave us freedom without shield, without shield
Saint of Sabarmati, you did amazing
Raghupati Raghav Raja Ram

Non-violence in mind was loincloth on body
Spread of truth for millions
By the way, your personality was small
But the top of the Himalayas bowed down to you
You were unmatched in the world
Saint of Sabarmati, you did amazing
Gave us freedom without shield, without shield
Saint of Sabarmati, you did amazing
Raghupati Raghav Raja Ram

If someone lives in the world, then you live Bapu
You gave everything on your way to the country
You did not ask for any throne or any crown
Gave amrit to everyone, but drank poison himself
The day your funeral pyre was lit, Mahakaal was cried
Saint of Sabarmati, you did amazing
Gave us freedom without shield, without shield
Saint of Sabarmati, you did amazing
Raghupati Raghav Raja Ram

'दे दी हमें आज़ादी' पर आधारित विवरण

बच्चों के लिए हिंदी भाषा में गाने बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन गानों से बच्चों को संस्कार, मूल्यों और समझदारी का संदेश मिलता है। फिल्म ‘जागृति‘ का गीत “दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल” एक ऐसा गीत है जिसमें बच्चों को अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अद्भुत व अतुलनीय संघर्ष के साथ साथ स्वतंत्रता के महत्व का संदेश दिया गया है।
यह गीत बच्चों को संघर्ष करने और समस्याओं का सामना करने के लिए प्रेरित करता है। आइये अब हम इस प्रेरणादायक गीत में प्रस्तुत पंक्तियों के अर्थ को क्रमानुसार विस्तार से समझते हैं।

दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल

गीत की ये प्रारंभिक पंक्तियाँ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित है की कैसे उन्होंने भारत राष्ट्र की आज़ादी प्राप्त करने के अपने उद्देश्य को खड़ग और ढाल की जगह अहिंसा का अनुसरण करते हुए सफलतापूर्वक प्राप्त करने का कमाल किया। इन पंक्तियों का संदेश है कि आजादी को हम सिर्फ विश्वास, सत्य और अहिंसा के सहारे ही पा सकते हैं। यहाँ पर गांधी जी को साबरमती का संत कहा गया है क्योंकि उन्होंने साबरमती आश्रम की स्थापना की थी, जो एक आध्यात्मिक एवं सामाजिक केंद्र था जहां से उन्होंने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन की अगुआई की थी।

आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल

यह पंक्तियाँ महात्मा गांधी के शांतिपूर्ण और अद्भुत आंदोलन को बताती है जिनमें गीतकार ने गांधीजी के महान कार्यों की तारीफ की है। यह पंक्ति बताती है की कैसे निरंतर विषम परिस्थितियों में भी गांधीजी अपने अनुयायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख दी। आगे गांधीजी के गांधी जी को साबरमती आश्रम का संत कहा गया है जहाँ उन्होंने अपने अनुयायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख दी। इस लाइन में यह भी दर्शाया गया है कि संत ने कमाल कर दिया, जिससे गांधीजी का संदेश देश और दुनिया में फैल सका।

दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

अंतिम पंक्ति ‘रघुपति राघव राजा राम’ महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में से एक है। इस गीत के बोल ‘रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम’ हैं। यह भजन महात्मा गांधी द्वारा अपने आंदोलन के दौरान बड़े जोश और उत्साह से गाया जाता था। गांधीजी को यह भजन अपने जीवन के प्रत्येक क्षण में शक्ति और समझने की शक्ति प्रदान करता था। यह भजन आज भी लोगों को आत्मनिर्भरता, एकता और समानता के संदेशों से परिपूर्ण करता है।

धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई
दागी न कहीं तोप ना बन्दूक चलाई

यह पंक्ति महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों को दर्शाती है। इसमें कहा गया है कि कैसे गांधी जी अपने पूरे आन्दोलन में सिर्फ विश्वास, सत्य और अहिंसा का ही अनुसरण किया और भारतवर्ष की धरती पर अजब ढंग से लड़ाई लड़ी जिससे कोई भी नुकसान न हुआ।

दुश्मन के किले पर भी ना की तूने चढ़ाई
वाह रे फ़कीर खूब करामात दिखाई

इस पंक्ति में गांधी जी को एक फ़कीर संबोधित करते हुए लिखा है कि तुमने अजीब तरीके से लड़ाई लड़ी है। तुम्हारे द्वारा कोई बंदूक नहीं चलाई गई थी और न तुमने दुश्मन के किले पर चढ़ाई की थी, फिर भी तुम्हारे खूब करामात दिखाई हैं। इस पंक्ति में इस बात का जिक्र किया गया है कि गांधीजी ने अपनी आत्म-निर्भरता और आदर्शों की ताकत के साथ लड़ाई लड़ी थी, जिससे कि उन्हें दुनिया भर में अनुयायी मिले।

चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल

इस पंक्ति में बताया गया है कि गांधीजी ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने अनुपम आदर्शों पर अडिग रहते हुए दुश्मनों को अर्थात अंग्रेजो को चुटकी में देश से निकाल दिया। वे देश को आज़ाद कराने के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे थे और देश के लोगों के बीच एकता और सद्भाव का संदेश देते रहे थे। गांधीजी के नैतिक और धार्मिक मूल्यों पर आधारित आंदोलन ने देश को स्वतंत्रता के रास्ते पर ले जाने में बहुत बड़ा योगदान दिया।

शतरंज बिछाकर यहाँ बैठा था ज़माना
लगता था के मुश्किल है फिरंगी को हराना

यह पंक्ति शतरंज खेल के बारे में है, जो एक बहुत ही प्रसिद्ध खेल है। इस पंक्ति में कहा गया है कि पहले ज़माने में यह लगता था कि फिरंगी अपनी ताकत और चालाकी से यह खेल जीतेंगे और सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के लिए शातिर अंग्रजों को हराना काफ़ी मुश्किल भरा काम है।

टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था ताना
पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना
मारा वो कस के दाँव के उलटी सभी की चाल

इन पंक्तियों में यह बताया जा रहा है कि जब भारत आज़ादी के लिए लड़ रहा था तब बड़ी ताकतों से टक्कर लेनी पड़ी थी। लेकिन बापू महात्मा गांधी भी उस समय उपस्थित थे और वो अपनी पूरी योग्यता से आज़ादी के लिए लड़ रहे लोगों को नेतृत्व दे रहे थे। दुश्मन की चालें सभी के लिए अजीब हो रही थीं, लेकिन बापू ने एक पुराने योग्य उस्ताद की तरह उनके खिलाफ बड़े ही उम्दा तरीके से लड़ाई लड़ी थी जिससे कि देश को आज़ादी मिल सके।

जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े
मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े
हिंदू और मुसलमान सिख पठान चल पड़े
कदमों पे तेरे कोटि कोटि प्राण चल पड़े

इन पंक्तियों में यह बताया जा रहा है कि जब गांधीजी अपनी अहिंसा और सत्याग्रह की आवाज बुलंद करते थे, तब सभी लोग उनके साथ चल पड़ते थे । जो लोग मजदूर थे वे भी उनके साथ चल पड़े थे, जिन्हें आधिकारिक तौर पर श्रमिक कहा जाता है। साथ ही किसान भी उनके साथ थे। इसके अलावा हिंदू, मुस्लिम, सिख, पठान आदि सभी लोग एक साथ उनके साथ चल पड़े थे। यह उनकी असीमित लोकप्रियता व आत्मिक शक्ति को दर्शाता है, जो उन्हें एक महान नेता बनाती है।

फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहर लाल

यह पंक्ति भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले जवाहर लाल नेहरु को समर्पित है। जवाहर लाल नेहरु भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे और उन्होंने भारत की आज़ादी के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। इस पंक्ति में बताया जा रहा है कि जवाहर लाल नेहरु फूलों की सेज को छोड़ देते हुए दौड़ रहे थे, जिससे यह समझाया जा सकता है कि उन्होंने अपने आदर्शों को पूरा करने के लिए अपने व्यक्तिगत सुखों को त्यागा था। इस पंक्ति में उनके साहस और निःस्वार्थ भाव को व्यक्त किया गया है।

मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी
लाखों में घूमता था लिए सत्य की सोटी

ये पंक्तियाँ महात्मा गांधी के जीवन और त्याग को दर्शाती हैं। उन्होंने अपने जीवन में अहिंसा और सत्य के मूल्यों को अपनाया था। वे एक समाज सुधारक थे जिन्होंने अपने तन पर वस्त्र के रूप में केवल एक लंगोटी को धारण कर देश के स्वाधीनता संग्राम में भाग लिया था। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अहिंसा और सत्य के माध्यम से लोगों को जोड़ा और उन्हें स्वाधीनता की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया। बताया गया है की कैसे एक साधारण वेशभूषा और हाथ में लाठी लिए गांधीजी ने लाखों लोगों को स्वाधीनता के मार्ग पर प्रशस्त किया।

लेकिन तुझपे झुकती थी हिमालय की चोटी
दुनिया में तू बेजोड़ था इन्सान बेमिसाल

वाकई, बापू एक अनोखे इंसान थे जो न केवल अपनी विचारधारा और आध्यात्मिकता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उनके विचार और अभिप्रायों से दुनिया को बहुत कुछ सीखने को मिला है। उनकी असाधारण प्रतिभा और आध्यात्मिक गुणों का साथ, बापू को एक अनोखा व बेजोड़ इंसान बनाता है।

तूने वतन की राह पे सब कुछ लूटा दिया
माँगा ना कोई तख्त ना कोई ताज भी लिया

महात्मा गांधी ने वास्तव में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय वतन की राह पर अपना सब कुछ लूटा दिया था। उन्होंने कोई तख्त नहीं मांगा था और ना ही कोई ताज लिया था। उनका मकसद सिर्फ भारत के स्वतंत्रता के लिए लड़ना था। उन्होंने एक समाजवादी विचारधारा का आधार रखते हुए भारत के गरीब और असहाय लोगों की मदद करने के लिए काम किया।

अमृत दिया सभी को मगर खुद ज़हर पिया
जिस दिन तेरी चिता जली रोया था महाकाल

इनमें बताया गया है कि गांधीजी ने अपने जीवन में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, और उन्होंने इस संघर्ष में सबकुछ त्यागा। उन्होंने अमृत के समान देश को स्वतंत्रता दी, लेकिन उसके कुछ समय बाद ही  वे इस संसार से चले गए। इसलिए इन लाइनों में बताया गया है कि गांधीजी ने स्वतंत्रता को अपने जीवन की अंतिम प्रतिज्ञा बनाकर देश के लिए खुद का त्याग किया था, जो पूरे भारत देश और उनके समर्थकों के लिए अत्यंत दुखद था।

'दे दी हमें आज़ादी' पर आधारित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

‘आओ बच्चों तुम्हे दिखाए’ जाग्रति फिल्म का गीत है।

‘दे दी हमें आज़ादी’ गीत कवि प्रदीप ने लिखा था।

‘आओ बच्चों तुम्हे दिखाए’ गीत का संगीत हेमंत कुमार ने दिया था।

‘आओ बच्चों तुम्हे दिखाए’ गीत के गायक कलाकार आदिनाथ मंगेशकर थे।

‘आओ बच्चों तुम्हे दिखाए’ गीत सन 1954 में पहली बार फिल्माया गया था।

‘दे दी हमें आज़ादी’ बालगीत में लेखक ने बच्चों को समझाया है कि किस तरह साबरमती के संत बापू जी ने हमारे देश को अंग्रेजो से बिना हिंसा के आज़ादी दिलाई थी।

Frequently asked questions (FAQ's) based on 'De Di Hame Azadi’

‘De Di Hame Azadi’ song movie name is Jagriti.

‘De Di Hame Azadi’ was written by the lyricist Pradeep.

Hemant Kumar gave the music of ‘De Di Hame Azadi’.

‘De Di Hame Azadi’ singer was Lata Mangeshkar.

‘De Di Hame Azadi’ song was filmed for the first time in 1954.

In the song, the author has explained to the children how Bapuji, the saint of Sabarmati, gave our country freedom from the British without violence.

'दे दी हमें आज़ादी' पर आधारित कुछ लाभप्रद गतिविधियाँ

बच्चों को जीवन में सफल होने के लिए ज़िम्मेदारी, सहयोग, समय-संचय की ज़रूरत होती है इसलिए, बच्चों को इन गतिविधियों के माध्यम से इन सभी गुणों का विकास करने में मदद मिलती है। गीत ‘दे दी हमें आज़ादी’ पर आधारित बच्चों के लिए कुछ गतिविधियां निम्नलिखित  हैं।

  1. स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं की जीवनी: बच्चों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महापुरुषों जैसे महात्मा गांधी, भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आदि के जीवन परिचय से रूबरू कराएं। बच्चे इससे स्वतंत्रता संग्राम में लोगों के संघर्ष और उनकी अहम भूमिका को समझेंगे।
  2. रंगों का उपयोग करके झंडे बनाना: बच्चों को भारत के तिरंगे के रंगों में अभ्यास करने के लिए पैपर और रंग के साथ झंडे बनाने की गतिविधि कराएं। वे इस गतिविधि में शामिल होकर अपनी कला कौशल को बढ़ा सकते हैं और भारत की आज़ादी की बहुमूल्य महत्वता समझ सकते हैं।
  3. नाटक अभियान करना: बच्चों को एक छोटे से स्किट या नाटक को लिखने और उसे प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करें। इस गतिविधि में, बच्चे दूसरों के साथ टीमवर्क और आवाज का उपयोग करके सहयोग करने का अनुभव हासिल कर सकते हैं।
  4. आज़ादी के बारे में वाद-विवाद: बच्चों को आज़ादी के विभिन्न पहलुओं पर वाद-विवाद करने की गतिविधि कराएं। उन्हें समझने के लिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से परिचित कराएं और उन्हें आज़ादी के महत्व को समझाएं। इस गतिविधि में बच्चे अपने विचारों का प्रदर्शन करके अपनी बोलचाल कौशल और विचारधारा को विकसित कर सकते हैं।
  5. फ्रीडम वॉल अभियान: इसमें बच्चों को अपने विचार और भावनाओं को एक दीवार पर लिखने की अनुमति दी जाती है। इस अभियान में, बच्चों को अपनी स्वतंत्रता के महत्व का एक स्पष्ट अनुभव होता है। यह उन्हें अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर देता है। फ्रीडम वॉल अभियान बच्चों को स्वतंत्रता और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ज्ञान को साझा करता है।

    इस अभियान के माध्यम से बच्चों को अपनी स्वतंत्रता के प्रति उनकी जागरूकता बढ़ती है और वे अपनी स्वतंत्रता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। इसके साथ ही, यह उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति भी जागरूक करता है और उन्हें अनुशासन, संयम और अन्य मूल्यों के महत्व के बारे में भी सिखाता है।

  6. स्वतंत्रता दिवस की प्रतिभा प्रतियोगिता: आयोजित करें स्वतंत्रता दिवस पर प्रतिभा प्रतियोगिता जिसमें बच्चों को विभिन्न कौशल के आधार पर पुरस्कार दिए जा सकते हैं। इस प्रतियोगिता में बच्चों को भारत की स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित सवालों, इतिहास और संग्राम से संबंधित जानकारी के आधार पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

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